Jaunpur : पूर्व मंत्री ललई यादव, पू. सां. धनंजय सिंह, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंशु समेत दर्जनों लोगों ने ली राहत की सांस, पक्ष-विपक्ष कोर्ट में पलटे बयान।


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खुटहन में इस खबर के फैलने के बाद लोग अवाक हैं। लोगों ने दबे स्वर में कहना शुरू कर दिया कि ऐसे कैसे हो गया ?। बताते चलें कि न्यायालय में एमपी एमएलए कोर्ट के जज शरद कुमार त्रिपाठी के सामने प्रतापगढ़ के पूर्व सांसद हरिवंश सिंह के द्वारा अपनी दी गई तहरीर के कथन के अनुसार मुकर गए हैं और उन्होंने कोर्ट में कहा कि वर्तमान एमएलसी बृजेश सिंह, पूर्व सांसद धनंजय सिंह , तत्कालीन विधायक रहे शैलेंद्र यादव ललई, तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि राजीव कुमार यादव राजू समेत 35 लोगों ने उन पर कोई जानलेवा हमला या गाली गलौज नहीं किया था इतना ही नही उन्होंने यह भी कहा कि उन पर किसी अज्ञात ने पथराव भी नही किया था। उन्होंने कहा कि एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर FIR दर्ज कर दिया गया था। जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली है।
अभी इतना ही नही ख़बर और भी रोचक होने वाला है। वहीं दूसरे पक्ष के राजीव कुमार यादव राजू ने भी अपनी दी गई तहरीर से मुकर गए, उन्होंने कहा है कि वर्तमान के शाहगंज विधायक रमेश सिंह, पूर्व सांसद हरिवंश सिंह समेत पांच लोगों ने उन पर कोई जानलेवा हमला नहीं किया था और न ही कोई गाली गलौज हुआ था।
इसकी जानकारी जैसे ही लोगों को हुई कि न्यायालय में इस तरह के बयान दिए गए है तो बयानों से राजनीतिक लोगों समेत आम जनता के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। और उन्हीं चर्चाओं में एक दूसरे के सेटलमेंट होने की बात निकल कर सामने आने लगी।
ज्ञात हो कि खुटहन में पूर्व ब्लाक प्रमुख सरयू देवी यादव के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद 6 नवंबर 2017 को ब्लॉक मुख्यालय के अंदर वोटिंग कराई जानी थी पूर्व सांसद धनंजय सिंह तत्कालीन ब्लाक प्रमुख सरयू देवी के साथ लामबंदी कर रहे थे तो उन्हीं का साथ दे रहे थे शाहगंज के तत्कालीन विधायक शैलेंद्र यादव ललई तो वहीं दूसरी तरफ  प्रतापगढ़ के पूर्व सांसद हरिवंश सिंह और उनके पुत्र वर्तमान में शाहगंज के विधायक रमेश सिंह अविश्वास प्रस्ताव की अगुवाई कर रहे थे।
ब्लॉक मुख्यालय से 200 -300 मीटर पहले ही पथराव होना शुरू हुआ, एक गाड़ी में आगजनी हुई वहाँ हवाई फायरिंग भी हुई थी जिनमें विभिन्न कई लोग नामजद आरोपी भी हुए।
अविश्वास प्रस्ताव के दौरान हुए बवाल ने खुटहन ब्लाक को उत्तर प्रदेश की राजनीति में चर्चा में ला दिया था। घटना के बाद पुलिसिया तांडव को भी विभिन्न गांवों में सत्ता पक्ष के द्वारा कायम करने की कोशिश की गई थी तो इसका विरोध पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार में रहे पारसनाथ यादव ने खुटहन थाने पर आकर किया था और कहा था कि किसी बेगुनाह को परेशान न किया जाए। इसी मामले को लेकर खुटहन के तत्कालीन ग्राम प्रधान समर बहादुर यादव समेत कई लोग जेल भी भेज दिए गए थे। दर्जनों लोग इस मामले में मानसिक रूप से पीड़ित किये गए।
पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह, वर्तमान एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसु ,तत्कालीन विधायक शैलेंद्र यादव ललई आदि के घर पर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी की थी ।

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