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रिपोर्ट-@राकेश कुमार शर्मा जौनपुर
यूपी के जौनपुर जिले के खुटहन थाना क्षेत्र अंतर्गत बस्ती बंदगान, ईश्वरपुर, सलहदीपुर, जमीन बस्ती, खालसापट्टी समेत सैकङों गांव के किसान आवारा पशुओं से परेशान है, बताते चलें कि दर्जनों की संख्या में किसानों की फसलों में पहुँच फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि दिन-रात ठंड के मौसम में हम लोग खेतों की रखवाली कर रहे हैं फसलों से पशुओं को बाहर निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसकी शिकायत ग्राम प्रधान सचिव व अन्य से कई बार की जा चुकी है लेकिन सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिल रहा है, इन सभी मामलों में कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जहां प्रदेश प्रदेश सरकार एक तरफ पशु संरक्षण को लेकर गौशाले की व्यवस्था में काफी धन खर्च कर रही है वही क्षेत्र के किसान इन आवारा पशुओं से परेशान है। आखिर इतने गौशालाएं खोली गई तो उनमें क्या किया जा रहा है क्यों नही व्यवस्था किया जा रहा है गायों के नाम पर पास हो रहे रुपये को कौन डकार रहा है। इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी खुटहन से संवाददाता राकेश कुमार शर्मा ने दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। ये समस्या एक ही गांव ब्लॉक की नही है ऐसे नजाने कितने गांव है जहाँ आवारा पशुओं की वजह से किसानों का जीना दूभर हो गया है। उनके महीनों के मेहनत एक ही दिन में चौपट हो जा रही है। किसान कितने भी जतन कर ले लेकिन अपने फसलों को बचा नही पा रहे है। गौशालाओं में गायें तड़प तड़प कर मर रहीं है। लेकिन जिम्मेदार लोगों का पशुओं के प्रति कोई ध्यान नही है। चारा का पैसा गमन कर दिया जा रहा है। आज से कुछ साल पहले जब पशुशाला जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी तो पशुओं की ऐसी दुर्गति नहीं थी, लोग पशुओं को अपना धन समझते थे. लेकिन आज गौशाला जैसी दुर्व्यवस्था के आने के बाद, लोग अपनी जिम्मेदारियों से भागते हुए गौशालाओं में अपनी गाय छोड़ जाते हैं। सरकार को चाहिए कि बिना किसी ठोस कारण के यदि कोई अपनी गायों को गौशालाओं में छोड़ता है तो उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए जिससे पशुओं का छोड़ने का सिलसिला बंद हो जाए समाज के स्वार्थी लोग गायों का दूध दूह लेने के बाद उन्हें आवारा छोड़ देते हैं।
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