रिपोर्ट- लक्ष्मण कुमार चौधरी
जौनपुर न्यूज़ -
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” के विजन को साकार करने हेतु उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047” अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य बनाने का संकल्प लिया गया है।
इसी क्रम में शासन ने एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इसमें के0 सचिव मानव अधिकार आयोग उत्तर प्रदेश श्रीमती धनलक्ष्मी, सेवानिवृत्त आईपीएस श्री राजकुमार विश्वकर्मा, पूर्व प्रोफेसर धरनीधर दुबे, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुरेश कन्नौजिया तथा जल निगम के सेवानिवृत्त अभियंता अरविंद कुमार सिंह शामिल हैं।
इन अधिकारियों का दो दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम 10 व 11 सितंबर को प्रस्तावित है।
10 सितंबर 2025 को प्रातः 11 से 12 बजे तक कृषि विज्ञान केंद्र बक्सा में कृषि वैज्ञानिकों व किसानों से परिचर्चा होगी।
अपराह्न 2 से 3 बजे तक पूर्वांचल विश्वविद्यालय में रिसर्च स्कॉलर, इंजीनियरिंग के छात्र और शिक्षकों से भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।
सायं 4 से 5 बजे तक चिकित्सकों और मेडिकल छात्रों से स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों व संभावनाओं पर विचार-विमर्श होगा।
● लेकिन सवाल यही है—क्या 2047 तक बदल पाएंगे हालात?
आज उत्तर प्रदेश और देश महंगाई, बेरोजगारी और शिक्षा जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है।
महंगाई: पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस से लेकर रोजमर्रा की चीजों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
बेरोजगारी: लाखों युवाओं के पास रोजगार नहीं है, प्रतियोगी परीक्षाओं में देरी और चयन प्रक्रिया की जटिलता भी समस्या बनी हुई है।
शिक्षा: सरकारी स्कूलों और विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं की कमी, शोध कार्यों का अभाव और निजीकरण ने शिक्षा को महंगा बना दिया है।
इन परिस्थितियों में यह बड़ा सवाल है कि क्या केवल बैठकों और विजन डॉक्यूमेंट से 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाया जा सकेगा?
● राजनीतिक नजरिया भी अहम-
भाजपा सरकार ने लंबे समय का लक्ष्य तय किया है। लेकिन आलोचक पूछ रहे हैं कि क्या भाजपा यह मानकर चल रही है कि 2047 तक वह सत्ता में बनी रहेगी? लोकतांत्रिक व्यवस्था में सत्ता बदलती रहती है। ऐसे में यह मिशन किसी पार्टी का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश और देश का होना चाहिए।
● निष्कर्ष-
“समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047” की पहल निश्चय ही महत्वाकांक्षी है। लेकिन महंगाई, बेरोजगारी और शिक्षा जैसी मूलभूत समस्याओं का ठोस समाधान किए बिना केवल विजन डॉक्यूमेंट से 2047 में ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ का सपना पूरा करना कठिन होगा।
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