पुलिस अधीक्षक को दी गई तहरीर के अनुसार, पीड़ित सीताराम विश्वकर्मा पुत्र स्वर्गीय धर्मराज विश्वकर्मा निवासी ग्राम उदईपुर डीपी थाना खुटहन जनपद जौनपुर एक शांतिप्रिय नागरिक हैं। प्रार्थी और उनके परिवार का लंबे समय से उसी गांव के सुरेश विश्वकर्मा पुत्र स्व. धर्मराज विश्वकर्मा, लक्ष्मीशंकर विश्वकर्मा पुत्र स्व. रामकेवल विश्वकर्मा, अंकिता विश्वकर्मा, रोहित उर्फ डिंपु विश्वकर्मा पुत्र स्व. रामनयन विश्वकर्मा आदि से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था।
पीड़ित का आरोप है कि उक्त लोग आए दिन उनके परिवार को परेशान करते रहते हैं। इसी क्रम में 21 अक्टूबर 2025 को सुबह लगभग 10:00 बजे जमीन की पैमाइश को लेकर पंचायत बुलाई गई थी, जिसमें गांव के सम्मानित लोगों को पंच के रूप में बुलाया गया। पंचायत का फैसला होने ही वाला था कि तभी गांव के प्रधान मिला सिंह के पुत्र सुजीत सिंह ने फोन कर अपने भाई आशीष सिंह, कुलदीप सिंह उर्फ छोटू, कृष्णा सिंह उर्फ नन्हकू, राजेन्द्र प्रसाद सिंह समेत दर्जनभर लोगों को बुला लिया।
ये लोग पंचायत स्थल पर पहुंचते ही जयराम विश्वकर्मा पुत्र कंसाराम विश्वकर्मा, उनकी पत्नी पिंकी, तथा प्रार्थी के परिवार के अन्य सदस्यों पर लाठी-डंडों से हमला करने लगे। महिलाओं के साथ अभद्रता व मारपीट करते हुए भद्दी-भद्दी गालियां दी गईं।
जब उसकी बहू पिंकी विश्वकर्मा को मारने के लिए दौड़ाया गया तो वह अपनी जान बचाने के लिए भागी, लेकिन तभी आशीष व सुजीत सिंह ने उसे पकड़कर जमीन पर गिरा दिया और घसीटते हुए घर की ओर ले गए। रास्ते में उन्होंने उसकी सोने की मंगलसूत्र जबरन छीन ली और धमकी दी कि “अगर यहां से भागी या शिकायत की तो जान से मार देंगे।”
घटना के दौरान सीताराम विश्वकर्मा को भी गंभीर चोटें आईं। उनके दाएं हाथ में फ्रैक्चर हो गया और उनका एक दांत टूट गया। इस दौरान जयराम विश्वकर्मा को भी मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। आरोपियों ने उसके माथे और बाएं हाथ पर लाठी से वार कर दिया। जयराम की पत्नी पिंकी विश्वकर्मा को भी बेरहमी से पीटते हुए पेट और पीठ पर लाठी से वार कर घायल कर दिया गया।
बताया कि इस घटना को गांव के लोगों ने जब देखा तो बीच-बचाव किया, लोगों ने तत्काल 112 नंबर पर फोन कर पुलिस को सूचना दी गई, आरोप है कि पुलिस द्वारा मौके पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बाद में पीड़ित पक्ष ने थाना खुटहन पर लिखित तहरीर दी, किन्तु पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न किए जाने से पीड़ित परिवार में गहरा आक्रोश है।
इतना ही नही सभी घायल पीड़ितों का डॉक्टर द्वारा चिकित्सीय परीक्षण (मेडिकल जांच) तक नहीं कराया गया। जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और सभी घायलों का मेडिकल परीक्षण कर न्याय दिलाया जाए। बताया कि आए दिन हमारे साथ जमीन के विवाद को लेकर झगड़ा करते हैं और परिवार पर जान का खतरा बताया है।
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