रिपोर्ट- @लक्ष्मण कुमार चौधरी
जौनपुर। जिले के विकास खण्ड खुटहन अंतर्गत शेखपुर सुतौली गांव में स्थित सैकड़ों साल पुराना अंत्येष्टि स्थल आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। गोमती नदी के तट पर बने इस स्थान पर ग्रामीण पीढ़ियों से अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद यहां प्रशासनिक लापरवाही साफ झलकती है। बात दें कि आज यहाँ शव का अंतिम संस्कार करने के लिए गाड़ियों की लाइट मोबाइल की लाइट जलाया गया।
● मूलभूत सुविधाओं का अभाव-
अंत्येष्टि स्थल पर किसी प्रकार की उचित व्यवस्था नहीं है।
न बिजली की व्यवस्था है और न ही सोलर लाइट, जिस कारण परिजन अंधेरे में शव का अंतिम संस्कार करने को विवश हैं।
बरसात के दिनों में शव जलाने के लिए कोई सुरक्षित व्यवस्था उपलब्ध नहीं है।
बैठने के लिए शेड या बेंच की व्यवस्था नहीं है, जिससे आए परिजन खुले आसमान के नीचे परेशान होते हैं।
ठंडा व स्वच्छ पेयजल उपलब्ध न होने से ग्रामीणों को भारी असुविधा होती है।
गंदगी और अव्यवस्था के कारण माहौल अस्वच्छ रहता है।
● क्या होनी चाहिए जरूरी व्यवस्थाएं-
ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अंत्येष्टि स्थल पर निम्नलिखित सुविधाएं होनी चाहिए—
पक्का चबूतरा और शेड, ताकि बारिश व धूप से बचाव हो सके।
बिजली और सोलर लाइट की पर्याप्त व्यवस्था।
बैठने के लिए कुर्सी/बेंच और परिजनों के ठहरने हेतु शेड।
शुद्ध पेयजल की सुविधा (हैंडपंप/पानी का टैंक/ठंडा जल मशीन)।
शवदाह के लिए पक्का स्थान और बरसात के समय वैकल्पिक व्यवस्था।
साफ-सफाई और नियमित देखरेख के लिए सफाईकर्मी की नियुक्ति।
अंतिम संस्कार करने आए परिवारों के लिए शौचालय की सुविधा।
रजिस्टर्ड घाट का जीर्णोद्धार और बेहतर प्रबंधन।
● ग्रामीणों की मांग-
ग्रामीणों का कहना है कि इतने पुराने और महत्वपूर्ण स्थल की उपेक्षा प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाती है। लोगों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द यहां मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएं ताकि अंतिम संस्कार के दौरान परिजनों को सम्मानजनक माहौल मिल सके।
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