रिपोर्ट- लक्ष्मण कुमार चौधरी
📍 स्थान: खुटहन (जौनपुर)
जौनपुर जिले के खुटहन ब्लॉक के दरना गाँव में स्वच्छ भारत मिशन की हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। गाँव में लगभग दस वर्ष पहले बनाए गए सामुदायिक शौचालय पर आज भी ताला लटका हुआ है। बच्चे और ग्रामीण सुबह के समय शौचालय के बाहर खड़े रहते हैं, लेकिन ताला नहीं खुलने के कारण उन्हें खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ता है।
🏚️ मरम्मत पर खर्च, पर हाल जस का तस-
ग्राम पंचायत में प्रधान और सचिव की मिलीभगत से शौचालय की मरम्मत के नाम पर 1 लाख 17 हजार रुपये की धनराशि निकाली गई, लेकिन सुविधा का लाभ अब तक ग्रामीणों को नहीं मिल पाया। ग्रामीणों का कहना है कि यह शौचालय बनने के बाद से अब तक एक भी दिन उपयोग में नहीं आया और पिछले लगभग दस वर्षों से इसी हालत में खड़ा है।
🚽 स्वच्छता मिशन पर सवाल-
सरकार द्वारा हर घर में शौचालय उपलब्ध कराने और सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। वहीं दरना गाँव का यह शौचालय इन दावों की पोल खोल रहा है। तालेबंद शौचालय के कारण ग्रामीणों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है।
⚠️ खुले में शौच से होने वाले नुकसान-
- खुले में शौच से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जैसे डायरिया, कॉलरा और टाइफाइड।
- गाँव में स्वच्छता और पर्यावरण प्रदूषण की समस्या गहराती है।
- बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा पर असर पड़ता है।
- सरकार की योजनाओं का विश्वास और प्रभाव घटता है।
🗣️ ग्रामीणों की मांग-
ग्रामीण प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि सामुदायिक शौचालय को तुरंत खोला जाए और इसकी नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था की जाए, ताकि लोगों को खुले में शौच से मुक्ति मिल सके।
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