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Jaunpur News : जौनपुर में अवैध क्लीनिकों और अपंजीकृत चिकित्सकों पर सख्त कार्रवाई का आदेश, जिला प्रशासन ने बनाई जांच समितियां।


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जिला संवाददाता जौनपुर- ज्योति मौर्या 

जनपद जौनपुर में जो आदेश कई साल पहले से प्रभावी रूप से लागू कर उसका लगातार पालन करना चाहिए था वो अब हो रहा है वो भी कितना पालन होगा पता नही, इस आदेश से लोगों पर कार्यवाही होगी या लूट घसोट मचेगा ये अभी देखना बाकी होगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश वैधानिक स्थापन (रजिस्ट्रेशन और विनियमन) नियमावली 2016 के तहत जनपद जौनपुर में अवैध रूप से संचालित अपंजीकृत चिकित्सकों, क्लीनिकों एवं अनधिकृत चिकित्सा संस्थानों के विरुद्ध अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने तात्कालिक प्रभाव से पूरे जनपद में प्रभावी अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत औचक छापेमारी कर विधिक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उक्त कार्रवाई को प्रभावी बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तहसीलवार संयुक्त जांच समितियां गठित की गई हैं। ये समितियां निर्धारित मानकों एवं नियमों के अनुरूप जांच कर आवश्यक कार्रवाई करेंगी।

तहसीलवार गठित समितियां इस प्रकार हैं —

  1. तहसील शाहगंज: उपजिलाधिकारी शाहगंज एवं उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी शाहगंज की संयुक्त समिति।
  2. तहसील मछलीशहर: उपजिलाधिकारी मछलीशहर एवं उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी जौनपुर की संयुक्त समिति।
  3. तहसील मडियाहूं: उपजिलाधिकारी मडियाहूं एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव की संयुक्त समिति।
  4. तहसील केराकत: उपजिलाधिकारी केराकत एवं उपजिला प्रतिरक्षण अधिकारी की संयुक्त समिति।
  5. तहसील बदलापुर: उपजिलाधिकारी बदलापुर एवं उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी की संयुक्त समिति।
  6. तहसील सदर: उपजिलाधिकारी सदर एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वी.सी. पंत की संयुक्त समिति।

समिति को सौंपे गए दायित्व —

समितियां अपने-अपने क्षेत्रों में निम्न बिंदुओं पर जांच कर आवश्यक विधिक कार्रवाई करेंगी —

  • प्रतिष्ठान मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में विधिवत पंजीकृत है या नहीं।
  • पंजीकृत प्रतिष्ठान में वैध और योग्य चिकित्सक की उपलब्धता है या नहीं।
  • पंजीकृत प्रतिष्ठान में निर्धारित मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं।
  • प्रतिष्ठान में स्वच्छता, प्रदूषण नियंत्रण एवं बायो-वेस्ट मैनेजमेंट नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं।
  • यह भी जांच की जाएगी कि कहीं प्रतिष्ठान का संचालन बेसमेंट में तो नहीं किया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि यह अभियान पूरी पारदर्शिता के साथ चलाया जाएगा। किसी भी अपंजीकृत या अवैध चिकित्सा प्रतिष्ठान को बख्शा नहीं जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और आम जनता को ठगी व गलत इलाज से बचाने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है।





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