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Jaunpur News : जौनपुर नाला कांड : करंट लगने से प्राची मिश्रा,समीर और शिवा की हुई थी मौत, कार्रवाई न होने पर बहन ने कोर्ट में लगाई न्याय की गुहार।


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रिपोर्ट- ज्योति मौर्या जौनपुर
कोतवाली थाना क्षेत्र के मछलीशहर पड़ाव पर 25 अगस्त 2025 को गड्ढेदार सड़क पर पानी जमा होने के कारण करंट लगने व नाले में बहने से प्राची मिश्रा समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। घटना के दो महीने से अधिक बीत जाने के बावजूद पुलिस प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न किए जाने पर मृतका की बहन साक्षी मिश्रा ने अब अदालत की शरण ली है।

साक्षी मिश्रा, निवासी मियांपुर (थाना लाइन बाजार), ने अपने अधिवक्ताओं उपेंद्र विक्रम सिंह एवं हिमांशु श्रीवास्तव के माध्यम से प्रभारी सीजेएम जौनपुर की अदालत में नगर पालिका अध्यक्ष, अधिशासी अधिकारी, अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग (PWD), मुख्य राजस्व अधिकारी/नोडल अधिकारी नगर निकाय, तथा अधिशासी अभियंता जल निगम (नमामि गंगे व अमृत योजना) सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या (IPC की धारा 304) का आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। अदालत ने मामले में 12 नवंबर 2025 की तिथि नियत करते हुए कोतवाली पुलिस से रिपोर्ट तलब की है।

● घटना का विवरण

साक्षी मिश्रा के अनुसार, 25 अगस्त की शाम लगभग 5 बजे मछलीशहर पड़ाव पर बारिश के बाद गड्ढेदार सड़क पर पानी भर गया था। उसी दौरान वहां से गुजर रही उनकी बहन प्राची मिश्रा, जो ब्यूटीशियन कोर्स कर रही थी, ऑटो वाले के बुलाने पर पीछे मुड़ीं, लेकिन फिसलकर गड्ढे में गिर गईं। पानी में विद्युत पोल से लटकते जर्जर तार के कारण करंट प्रवाहित था, जिससे उन्हें जोरदार झटका लगा और वे झुलस गईं। फिसलने के दौरान बिना ढक्कन वाली खुली नाली में गिर जाने से उनकी मौत हो गई। लगभग 28 घंटे बाद, 26 अगस्त को उनका शव खुले नाले से बरामद किया गया।

● सिस्टम की लापरवाही पर सवाल- प्राची की बहन ने अपने प्रार्थना पत्र में उपरोक्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि

  • विद्युत विभाग को टूटे व लटकते तार की जानकारी थी, फिर भी सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए।

  • PWD विभाग ने गड्ढेदार सड़क की मरम्मत नहीं की।

  • नगर पालिका परिषद ने नालियों को बिना ढक्कन खुला छोड़ा हुआ था।

  • मुख्य राजस्व अधिकारी/नोडल अधिकारी ने पूरे कार्य की मॉनिटरिंग नहीं की।

  • जल निगम (नमामि गंगे व अमृत योजना) के अधिशासी अभियंता कार्य के जिम्मेदार होने के बावजूद लापरवाह रहे।

साक्षी ने आरोप लगाया कि सभी अभियुक्तों की लापरवाही और उपेक्षा से तीन निर्दोष लोगों की मृत्यु हुई — जो ‘नरसंहार की श्रेणी’ में आती है।

● पुलिस और प्रशासन पर आरोप-

साक्षी मिश्रा ने कहा कि शव बरामद होने के बाद पोस्टमार्टम तो कराया गया, पर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या विभाग के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ
केवल दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया और कुछ को चेतावनी देकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

उन्होंने बताया कि घटना के बाद उन्होंने एसपी, आईजी वाराणसी रेंज, डीजीपी, गृह सचिव, मुख्य सचिव, जिलाधिकारी तथा राज्य महिला आयोग तक कई प्रार्थना पत्र और आरटीआई आवेदन भेजे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

● अंत में अदालत की शरण-

सभी स्तरों से निराश होकर साक्षी मिश्रा ने प्रभारी सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। कोर्ट ने कोतवाली पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
अब यह देखना होगा कि क्या न्यायिक प्रक्रिया के बाद इस दर्दनाक हादसे के जिम्मेदारों पर कानूनी शिकंजा कसा जाता है या नहीं। क्या जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जाएगी या यहाँ भी मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा


📰 (रिपोर्ट — अब तक आपके साथ)





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